Wednesday, January 2, 2008

Freelancer - पैसे दो और मेरा भाला ले लो

FREELANCER
यह शब्द बना जब एक योद्धा ने कहा कि उसका भाला ( LANCE ) आज़ाद है और कोई भी पैसे देकर उससे युद्ध करवा सकता है। यानी फ्रीलांसर वे सैनिक थे जो पैसे लेकर किसी के लिए भी लड़ने को तैयार थे। आजकल ऐसे लोगों के लिए MERCENARY (भाड़े के सैनिक) शब्द का इस्तेमाल होता है और फ्रीलांसर उन लोगों को कहते हैं जो किसी संस्थान से न जुड़े हों और स्वतंत्र तौर पर काम करते हों। आम तौर पर यह पत्रकारों के मामले में यूज़ किया जाता है। वे पत्रकार जो किसी अखबार या मैगज़ीन से न जुड़े हों और स्वतंत्र तौर पर काम करते हों, उन्हें फ्रीलांस जर्नलिस्ट कहा जाता है। यह अलग बात है कि आज के फ्रीलांसर के पास भाला नहीं, कलम, कैमरा या कंप्यूटर होता है।

Mirza Galib Sher

 दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है आख़िर इस दर्द की दवा क्या है हम हैं मुश्ताक़ और वो बे-ज़ार या इलाही ये माजरा क्या है मैं भी मुँह में ज़बान रखत...